kancha paath se aapko bachchon ke shauk ke baaren mein kya pata chalta hai ?

हमें पता चलता है कि यदि उन्हें किसी चीज़ के प्रति आकर्षण का भाव पैदा हो जाए, तो वह उसे पाने के लिए लालयित हो जाते हैं। वह उसकी कल्पना में खोए रहते हैं। यही उनके शौक बन जाते हैं। कभी उन्हें कंचों का, तो कभी क्रिकेट का, कभी गुड़ियों का, कभी कंप्यूटर गेम का शौक उत्पन्न होता है। ये शौक उस समय उनके सिर चढ़कर बोलते हैं।

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