kanya ke sath dan shabd lagana kyon uchit hai?
Hi,
कन्या के विवाह के समय कन्या को दान किया जाता है। माता-पिता जब वर के साथ उसका विवाह करते हैं तो वह कन्यादान करके वर को कहते हैं कि हमने अपनी कन्या से तुम्हारा विवाह करके उसे तुम्हें दान कर दिया है। इसी परंपरा के कारण उसे कन्यादान कहा गया। हिन्दू विवाह में इससे बड़ा दान कोई नहीं है। माता-पिता खुशी से इस परपंरा का निर्वाह करते है इसीलिए इसे उचित माना जाता है।
लेकिन कन्या के साथ दान शब्द लगाना उचित नहीं है। माता-पिता के लिए उनकी 'कन्या' दान की कोई वस्तु नहीं है जिससे वह खुशी से दान कर दें। विवाह कराना एक अलग बात है लेकिन दान करना दूसरी बात।
वैसे हमारे मित्र ने दान के विषय में जो कहा वह उचित है लेकिन कन्या का दान करना यह कहना उचित नहीं है।
ढेरों शुभकामनाएँ!