'Kanyadaan' Kavita ke Aadhar Par Nari Jeevan Ke Sukh Dukh par Prakash daliye.

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
नारी जीवन बहुत कठिन होता है। माँ-पिता के घर पर वह लाडली की तरह रहती है। शादी के बाद उसे अपने माता-पिता से अलग होना पड़ता है। माता-पिता का साथ छुटते ही, वह ससुराल चली जाती है। वहाँ पर उसे उनके अनुसार जीवन जीना पड़ता है। यदि उसके ससुराल वाले दहेज के लोभी होते हैं, तो उसे अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है।

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