kanyadaan kavita me maa apni beti me kin guno ka samawesh chati hai
मित्र माँ अपनी बेटी को सीख देती है, वह गुणों का समावेश नहीं करती। वह चाहती है कि उसकी बेटी सचेत रहे ताकि दहेज लोभियों की बलि न चढ़ जाए, सौंदर्य पर ध्यान देने के स्थान पर अपने अस्तित्व का ध्यान रखे।