Kanyadaan kavita mein aaye vyangya spasht kijiye
मित्र वस्त्र और आभूषण को शाब्दिक भ्रम कहा गया है क्योंकि इनका उपयोग पुरुष समाज स्त्रियों को बंधक बनाने के लिए करता है उन्हें साज सज्जा की वस्तु समझ कर उन्हें जेवर इत्यादि से सजाया जाता है तथा स्त्री भी इनके मोह में फंस कर सभी अत्याचार सहने को तैयार हो जाती है।