karak kya hota hein

Hi Sudeept,
कारक क्या होता है? इससे पहले, आपको यह समझना होगा की कारक का क्या काम होता है? साधारण शब्दों में कहें तो कारक का काम वाक्य में प्रयोग होने वाले क्रिया शब्दों, संज्ञा शब्दों व सर्वनाम शब्दों को आपस में जोड़ कर संबंध स्थापित करना होता है; जैसे-
(1) मेरे पेट में दर्द हो रहा है।
इस वाक्य में देखिए 'मेरे' सर्वनाम शब्द है, 'पेट' और 'दर्द' संज्ञा शब्द है और 'हो रहा है' क्रिया शब्द है। यदि हम वाक्य इस तरह लिखते हैं 'मेरे पेट दर्द हो रहा है' तो यह वाक्य अटपटा लगेगा। 'में' कारक शब्द है और यह पूरे वाक्य में 'मेरे' (सर्वनाम) व 'पेट' (संज्ञा) और 'दर्द' (संज्ञा) शब्दों को आपस में जोड़कर कर संबंध स्थापित कर इस अटपटेपन को समाप्त कर रहा है। अत: आपको समझ आ गया होगा की कारक क्या होता है और इसका क्या काम होता है।
का, के, को, की में, से, ने, रा, रे, री,  पर, हे, अरे सारे कारक-चिह्न हैं।
 
आशा करती हूँ कि आपको, आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढ़ेरो शुभकामनाएँ!
 

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संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उनका वाक्य के दुसरे शब्दों या क्रिया से सीधा संबंद ज्ञात हो, उसे कारक कहते है|

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संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसके सम्बन्ध का बोध होता है, उसे कारक कहते हैं। 

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