karak kya hoto hai

मित्र कारक- कारक क्या होता है? इससे पहले, आपको यह समझना होगा की कारक का क्या काम होता है? साधारण शब्दों में कहें, तो कारक का काम वाक्य में प्रयोग होने वाले क्रिया शब्दों, संज्ञा शब्दों व सर्वनाम शब्दों को आपस में जोड़ कर संबंध स्थापित करना होता है; जैसे- (1) मेरे पेट में दर्द हो रहा है।
इस वाक्य में देखिए 'मेरे ' सर्वनाम शब्द है, 'पेट ' और 'दर्द ' संज्ञा शब्द है और 'हो रहा है ' क्रिया शब्द है। यदि हम वाक्य इस तरह लिखते हैं 'मेरे पेट दर्द हो रहा है ' तो यह वाक्य अटपटा लगेगा। 'में ' कारक शब्द है और यह पूरे वाक्य में 'मेरे ' (सर्वनाम) व 'पेट ' (संज्ञा) और 'दर्द ' (संज्ञा) शब्दों को आपस में जोड़कर संबंध स्थापित कर इस अटपटेपन को समाप्त कर रहा है। अत: आपको समझ आ गया होगा कि कारक क्या होता है और इसका क्या काम होता है। का, के, को, की में, से, ने, रा, रे, री, पर, हे, अरे सारे कारक-चिह्न हैं। कारक आठ प्रकार के होते हैं-1. कर्म कारक, 2. कर्ता कारक, 3. करण कारक, 4. संपद्रान कारक, 5. अपादान कारक, 6. संबंध कारक, 7. अधिकरण कारक, 8. संबोधन कारक।

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