kashi ko sanskriti ki paatsala kyo khaha gaya hai?
क्योंकि वहाँ आज भी भारतीय संस्कृति की झलक साकार हो जाती है। वहाँ से ही कितनी ही लोगों ने संस्कृति कि विशालता के दर्शन किए हैं। बिस्मिल्ला खाँ ने वहीं से संस्कृति को समझा और जाना है। इसलिए उसे संस्कृति की पाठशाला कहा गया है।