Kavi ke anusar vedone ne kis satya ko ujagar kiya hai aur anarth kya hai

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
कवि के अनुसार वेद में कहा गया है कि परमपिता परमात्मा एक हैं। किसी भी धर्म के आधार पर उसे बाँटा नहीं जा सकता है। प्रत्येक मनुष्य आपस में भाई हैं। वेदों के अनुसार मनुष्य को उसके कर्म के अनुसार ही फल भोगना होता है। मनुष्य ने यह अनर्थ किया है कि वह अपने भाई की मदद नहीं करता है। अर्थात मनुष्य ने पूरे संसार को धर्म, जाति, रंगभेद के जहर से बाँट दिया है। वह अपने भाइयों का ही विरोधी हो गया है। यही सबसे बड़ा अनर्थ है।

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