Kavi ne ek saath chlne ki baat kyu ki hai?

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आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

कवि कहते हैं कि सत्य तो यह है कि जन्म लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु भी निश्चित होती है। जब मनुष्य की मृत्यु सत्य है फिर क्यों व्यर्थ में मनमुटाव रखें। उस व्यक्ति का जीना व्यर्थ है और वह मनुष्य पशु के समान है जिसमें परोपकार या एक साथ चलने की भावना न हो। यदि हम सब मिल कर चलें तभी मृत्यु के उपरान्त भी हमें याद किया जाएगा।

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