Kavi ne kin aadkaro(8) pr chot ki hai?
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
कवि ने कहा है कि बाहरी आडम्बरों से भगवान या अल्लाह की प्राप्ति नहीं होती है। बाहरी आडम्बर जैसे तिलक लगाने, चंदन लगाने, माला जपने या जोर-जोर से पुकारने से भगवान नहीं मिलते हैं। भगवान हमारे दिल में रहते हैं। हमारे रोम-रोम में बसते हैं। सच्चे मन से उन्हें कोई भी याद कर सकता है। ऐसा कह कर कवि ने आडम्बरों पर चोट की है।
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कवि ने कहा है कि बाहरी आडम्बरों से भगवान या अल्लाह की प्राप्ति नहीं होती है। बाहरी आडम्बर जैसे तिलक लगाने, चंदन लगाने, माला जपने या जोर-जोर से पुकारने से भगवान नहीं मिलते हैं। भगवान हमारे दिल में रहते हैं। हमारे रोम-रोम में बसते हैं। सच्चे मन से उन्हें कोई भी याद कर सकता है। ऐसा कह कर कवि ने आडम्बरों पर चोट की है।