kavi ne stri jeevan ke bandhan kinhe mana hai?

स्त्री वस्त्र और आभूषणों से स्वयं को सजाने में व्यस्त रहती है और इनके मध्य इतना उलझ जाती है कि वह स्वयं के अस्तित्व और विकास को भूल जाती है। यही कारण है इन्हें स्त्री जीवन के लिए बंधन माना गया है। यदि वह आभूषण और सौंदर्य के मोह को त्याग दे, तो वह सबसे आगे निकल जाती है। ऐसे अनेक उदाहरण है, जिन्होंने आभूषणों के मोह को त्यागकर जीवन की दिशा ही बदल दी।

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