kavita mein kavi nesafalta prapti ke lie kin-kin gunon ki apeksha ki hai ?

मित्र कवि के अनुसार ईश्वर सभी विपदाओं को दूर करने में सहायक है। परंतु कवि यह चाहता है कि वह अपने विपदाओं से स्वयं निकले। वह केवल ईश्वर पर आस्था रखना चाहता है। वह सभी परिस्थियों से स्वयं लड़कर सफलता हासिल करना चाहता है। 

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