kavya mein ras kise kahte hain ? sthai bhav ki avastha tak kaise pahuchta hain ?sahitya ka ras sansarik ras se kis prakar bhinn hain ?

किसी काव्य को पढ़ते या सुनते समय मन में जो आनंद का अनुभव होता है, उसे ही रस कहते हैं। जब हमारे मन में आनंद, दुख,  हास्य भावों का अनुभव  होता है, तब स्थायी भावों की अवस्था तक पहुँचा जा सकता है। साहित्य रस का अनुभव तब होता है, जब हम उसका अध्ययन करते हैं परन्तु सांसारिक रस मनुष्य हर पल अनुभव करता है। यही इनमें सबसे बड़ा अंतर है।

  • 6
What are you looking for?