keshav our shyama ne chedia ko ande ke raksha ke ya nadanei
मित्र केशव और श्यामा बहुत छोटे तथा मासूम बच्चे थे। वे तो चिड़िया के अंडों की रक्षा करना चाहते थे। उन्होंने चिड़िया के बच्चों के लिए खाने पीने तथा रहने तक का इंतज़ाम किया। परंतु उनकी इस सहायता से चिड़िया अपने अंडों को नष्ट कर देती है तथा वहाँ से चली जाती हैं। इस प्रकार बच्चों का यह कार्य नादानी बन जाता है।