Khanpan ke mamle me sthaniyata ka kya mahatva hain?

मित्र स्थानीयता का अर्थ किसी विशेष प्रांत के लोकप्रिय व्यंजन से है। जैसे- बम्बई की पाव-भाजी, दिल्ली के छोले कुलचे, मथुरा के पेड़े और आगरा के पेठे, नमकीन, बंगाल की मिठाईयाँ आदि। लेकिन खानपान के बदलते नए रूप के कारण अब इनकी लोकप्रियता कम होती जा रही है। परंतु इनका महत्व यह है कि बड़े- बड़े होटल इन्हें 'एथनिक' व्यंजन कहकर परोसने लगे हैं।

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