पीटी साहब की 'शाबाश' फ़ौज के तमगों-सी क्यों लगती थी। स्पष्ट कीजिए।
पीटी साहब बहुत ही अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे।
छोटी सी भी गलती उनके लिए असहनीय थी।
जब बच्चे प्रार्थना सभा की कतार सीधी कतार नहीं बना कर खड़े रहते तो वे बच्चों को कठोर सजा देते थे।
जब बच्चे प्रार्थना सभा की कतार सीधी कतार बना कर खड़े रहते तो पी. टी. साहब उन्हें 'शाबाश' कहते।
बच्चे कोई भी गलती न करते प्रार्थना के समय सीधी कतार बना कर खड़े रहते तो पी. टी. साहब उन्हें 'शाबाश' कहते।
बच्चे 'शाबाश' शब्द सुनकर खुश होते और उन्हें लगा कि सेना में सैनिकों जैसे पदक उन्हें मिला है।
kindly correct the sentence if there is any mistake

मित्र!
आपने बहुत अच्छा लिखा है। आपके वाक्यों में जहाँ भी त्रुटी थी उसे ठीक कर दिया गया है। 

पीटी साहब बहुत ही अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे। 
छोटी सी भी गलती उनके लिए असहनीय थी। 
जब बच्चे प्रार्थना सभा में एक सीधी कतार बना कर नहीं खड़े होते तब वे बच्चों को कठोर सजा देते थे। 
जब बच्चे प्रार्थना सभा में सीधी कतार बना कर खड़े रहते तो पी. टी. साहब उन्हें 'शाबाश' कहते। 
जब बच्चे कोई भी गलती न करते और प्रार्थना के समय सीधी कतार बना कर खड़े रहते तो पी. टी. साहब उन्हें 'शाबाश' कहते। 
बच्चे 'शाबाश' शब्द सुनकर खुश होते और उन्हें लगता कि उन्हें सेना में सैनिकों जैसे पदक मिला है।

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