Kindly read and answer the question.
उत्तर :-
प्रस्तुत पंक्तियों के भावार्थ है कि सुंदर प्रकाश से इस धरती का कण-कण चमक उठे । अर्थात जिस प्रकार सूरज अपनी किरणों से इस धरती को रोशनी प्रदान करता है, उसी प्रकार हमारे कार्यों के माध्यम से भी यह धरती और भी सुंदर और प्रकाशित होनी चाहिए ।
प्रस्तुत पंक्तियों के भावार्थ है कि सुंदर प्रकाश से इस धरती का कण-कण चमक उठे । अर्थात जिस प्रकार सूरज अपनी किरणों से इस धरती को रोशनी प्रदान करता है, उसी प्रकार हमारे कार्यों के माध्यम से भी यह धरती और भी सुंदर और प्रकाशित होनी चाहिए ।