कथावस्तु के आधार पर आप kise ‘रीढ़ की हड्डी’ एकाांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यां?
प्रिय मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार हैं:-
कथावस्तु के आधार पर तो हमें उमा ही इस एकांकी की मुख्य पात्र लगती है। पूरी एकांकी ही उमा के इर्द-गिर्द घूमती है। लेखक समाज की सड़ी गली मानसिकता को उमा के माध्यम से व्यक्त करना चाहता है। उसका सशक्त व्यक्तित्व सारे पात्रों पर भारी पड़ता हुआ दिखाई देता है। उसके समकक्ष कोई भी ठहरता नहीं है। जिस स्वाभिमान से वह अपने पक्ष को शंकर, गोपाल प्रसाद व रामस्वरुप के आगे रखती है सब के होंठ सिल जाते हैं और कथा का प्रयोजन समाज में महिलाओं को अपने अधिकारों व सम्मान के प्रति जागरूक करना सिद्ध हो जाता है।
सादर।
आपका उत्तर इस प्रकार हैं:-
कथावस्तु के आधार पर तो हमें उमा ही इस एकांकी की मुख्य पात्र लगती है। पूरी एकांकी ही उमा के इर्द-गिर्द घूमती है। लेखक समाज की सड़ी गली मानसिकता को उमा के माध्यम से व्यक्त करना चाहता है। उसका सशक्त व्यक्तित्व सारे पात्रों पर भारी पड़ता हुआ दिखाई देता है। उसके समकक्ष कोई भी ठहरता नहीं है। जिस स्वाभिमान से वह अपने पक्ष को शंकर, गोपाल प्रसाद व रामस्वरुप के आगे रखती है सब के होंठ सिल जाते हैं और कथा का प्रयोजन समाज में महिलाओं को अपने अधिकारों व सम्मान के प्रति जागरूक करना सिद्ध हो जाता है।
सादर।