सेवा में,
व्यवस्थापक महोदय,
पुस्तक घर,
दरियागंज,
नई दिल्ली - 2
विषय — गलत पुस्तके भेजने के संबंध में शिकायत
माननीय व्यवस्थापक महोदय
मेरा नाम अजय कुमार शर्मा है , निवासी लखनऊ ने आपके यहाँ से 15 दिन पहले प्रेमचंद के लिखित दो उपन्यास गबन और गोदान मंगवाए थे। आपने मेरे आर्डर के मुताबिक पुस्तकें न भेजकर किसी प्रेमचंद के कर्मभूमि और रंगभूमि नामक उपन्यास भेज दिए। जबकि यह उपन्यास मेरे पास पहले से ही हैं। मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि आपने किसी दूसरे का आर्डर मुझे भेज दिया है। इसलिए मैं आपकी यह पुस्तकें वापस लौटा रहा हूं। कृप्या मुझे सही पुस्तक भेजने की कृपा करें। पुस्तकें उपलब्ध न होने की स्थिति में कृपया मेरी धनराशि लौटाने की कृपा करें या मुझे बताएं कब तक पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगी। दोनो पुस्तके पत्र के साथ के पार्सल में है। आपकी पुस्तके जैसी आपने भेजीं थीं, वैसी यथावत हैं।
धन्यवाद ,it in my vasnat bag 2 text book