Koi shikshit vyakti, kushikshit athva sushikshit kis prakar ho sakta hai?

मित्र कुशिक्षित का तात्पर्य लेखक ने ऐसे व्यक्ति से लिखा है, जो पढ़ा-लिखा तो अवश्य हो परन्तु उस पढ़ाई से उसकी संकीर्णता या छोटापन समाप्त न हुआ हो। इस समाज में ऐसे भी लोग विद्यमान हैं, जिन्होंने कई डिग्रियाँ ली हैं परन्तु वे समाज के विकास में हाथ बढ़ान के स्थान पर उसे रोकते हैं। ऐसे लोग दहेज प्रथा, स्त्री शिक्षा, स्त्री स्वतंत्रता, इत्यादि का विरोध करते हैं। सुशिक्षित लोग वे लोग कहलाते हैं, जो शिक्षित होते हैं और समाज के विकास में साथ देते हैं। ऐसे लोग समाज का भला करते हैं।

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