Kolkata ke sir kalank kyo tha ? Vah kesai duur hua?

प्रिय छात्र ,
कोलकाता बसियों के सर पे कलंक इसलिए था क्योंकि  लोगों का मानना था कि वहाँ स्वंतत्रा आंदोलन को नाम पर कुछ नहीं हो रहा है | परंतु जब कलकत्ता वासियों ने भी बड़-चड कर भाग लिया तो उनको माथे से कलंक हट गया |

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