kya Aap kabir ke dharmik tark se shemat hai ? ha to kyu 
 

मित्र
 कबीरदास जी ने प्रेम के महत्व, साधु-संतों की पहचान, ज्ञान के महत्व, विभिन्न धर्मों द्वारा किए जा रहे आडंबरों का विरोध किया है। उनके अनुसार प्रेम तथा मानवता से बड़कर कोई धर्म नहीं है। कबीर ने प्रेम को सबसे बड़ा ज्ञान कहा है। हम कबीर के धार्मिक तर्क से सहमत हैं क्योंकि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है।

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