kya aapko mithai wala kahani padh kar eaisi anubhuti hui ki dusro ko pyaar aur khushi dene se aapne mann ka dukh kaam ho jata hai ?

मित्र!
यह बात बिलकुल सत्य है। किसी दूसरे को प्यार तथा खुशी देने से अपने मन का दुख कम हो जाता है। इसके पीछे बहुत गहरी बात छिपी है। हम जब दुखी होते हैं, तो अपने में रोते हैं। इससे दुख कम नहीं होता है और बढ़ जाता है। जब हम अपने दुख को छोड़कर दूसरे के चेहरे पर सुख लाने का प्रयास करते हैं, तो उन्हें सुखी देखकर हमें बहुत अच्छा लगता है। मिठाईवाला ऐसे ही करता है। वह अपनी पत्नी तथा बच्चे दोनों को खो चूका था। अतः उसने बच्चों के लिए चीज़ें लाना आरंभ किया। वह बच्चों को बिना लाभ के चीज़ें बेचने लगा। बच्चे जब उसकी चीज़ें लेकर खुश होते तो वह अपना दुख भूल जाता था। यह बात उसने स्वयं स्वीकार भी की है। जीवन में यह सत्य भी है। 

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