kya Bhartiya apni dharoharon ka Dhyan Rakh rahe hai ?Kavita ke Aadhar par Bataye

प्रिय मित्र!
हम आपके प्रश्न के लिए  अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं। 

इस कविता से पता चलता है कि भारतीय अपनी धरोहरों का ध्यान भली प्रकार से नहीं रख रहे हैं। कविता में जिस प्रकार तोप का हाल हो रहा है। उसी प्रकार सभी धरोहरों का हो रहा है। कहर बरसाने के लिए प्रसिद्ध तोप आज केवल देखने के काम आ रही है। उस पर चिड़ियाँ बैठती हैं।

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