kya koi mughe raidas ke pad ki aakhri do lainoon ka matloab bata sakata hai?
mughe isski sakt jarurat hai?
dhanyavad.
मित्र अगर आप दूसरे दोहे के आखिरी दो पंक्तियों की व्याख्या माँग रहे हैं, तो वह इस प्रकार है-
रैदास जी कहते हैं कि नामदेव, कबीर, तिलोचन, सधना, सैनु नामक संतों को मेरे प्रभु ने अपनी कृपया से तर दिया है या उनका जीवन सफल कर दिया है। रविदास कहते हैं कि हे संतों! सुनो जिस पर हरी की कृपा होती है, उनका नाम मात्र से ही सारे कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
रैदास जी कहते हैं कि नामदेव, कबीर, तिलोचन, सधना, सैनु नामक संतों को मेरे प्रभु ने अपनी कृपया से तर दिया है या उनका जीवन सफल कर दिया है। रविदास कहते हैं कि हे संतों! सुनो जिस पर हरी की कृपा होती है, उनका नाम मात्र से ही सारे कार्य पूर्ण हो जाते हैं।