" kya upbhokta sanskriti samanthi sanskrit ka hi vikasith roop hai '' ke paksh ya vipaksh me debate
pls jaldi thode points they
हाँ मित्र उपभोक्ता की संस्कृति सामंती संस्कृति का विकसित रूप है। इसमें एक वर्ग को अन्य वर्गों पर शासन करने के लिए खड़ा किया गया था तथा उन्हें इतना विलासी बना दिया गया कि वह अपने ही देश को खोखला बनाने में लगे रहे। इस संस्कृति का विकास अंग्रेजों ने किया था। आज यह संस्कृति उपभोक्तावाद का रूप ले चूकी है। इसमें पूरे समाज को वस्तुओं के उपभोग का आदी बना दिया गया हैं। जहाँ वह अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ भई करने को तैयार हैं।