Lakhak ki maa kabuutar ko satane ke lye mana kyun karthi hai???
मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है-
लेखक की माँ सिर्फ कबूतर ही नहीं फूल-पत्ते, पशु-पक्षियों और पृकृति के लिए अपने मन में प्यार रखती थी। वह कहती थी कि कबूतरों को सताना नहीं चाहिए क्योंकि कबूतर हजरत मुहम्मद के प्यारे होते हैं। कबूतरों ने उनकी मज़ार के ऊपर ऊँचे छत पर अपने घोंसले बना रखें हैं। वह सबके मन के अंदर इनके लिए दया और स्नेह की भावना पैदा करना चाहती थी।
आपका उत्तर इस प्रकार है-
लेखक की माँ सिर्फ कबूतर ही नहीं फूल-पत्ते, पशु-पक्षियों और पृकृति के लिए अपने मन में प्यार रखती थी। वह कहती थी कि कबूतरों को सताना नहीं चाहिए क्योंकि कबूतर हजरत मुहम्मद के प्यारे होते हैं। कबूतरों ने उनकी मज़ार के ऊपर ऊँचे छत पर अपने घोंसले बना रखें हैं। वह सबके मन के अंदर इनके लिए दया और स्नेह की भावना पैदा करना चाहती थी।