lekhak ne aisa kyu likha he ki" teesri kasam" ne sahitya rachna k saath shat pratishat nyay kiya he???i want an ans 4 5 markz!!!

शैलेंद्र ने जिस प्रकार से इस फिल्म का निर्माण किया है, उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। यह रचना भारतीय संस्कृति की मिशाल है। शैलेंद्र ने इसे अपने फायदे के लिए प्रयोग न करके अपितु इस रचना के पात्रों, परिवेश, भारतीय संस्कृति इत्यादि को परदे पर बड़े सुंदर ढंग से उतारा है। इसे देखकर लगता है कि हम गाँवों तथा वहाँ के जन-जीवन का सजीव रूप देख रहे हैं। राजकपूर और वहीदा रहमान ने अपने पात्रों के साथ न्याय किया है और अपने पात्रों को जीया है। इसलिए कहा गया है कि शैलेंद्र ने साहित्य रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है। उन्होंने असफलता को गले लगा लिया परन्तु रचना के साथ अन्याय नहीं होने दिया।

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