lekhak ne iss kahani ka naam kahani ke do patro ke adhaar par akha hai.lekhak ne iss kahani ke liye baaj aur saanp ko hi kyon chuna hoga ? Kya yahi kahani kisi aur paatron se bhi kahi ja sakti hai?

नमस्कार मित्र,

कहानी तो वैसे बहुत से पात्रों को  रखकर लिखी जा सकती है परन्तु बाज और साँप कहानी इन दो पात्रों के कारण ही अच्छी लगती है।

बाज और साँप रखने के पीछे लेखक का विशेष कारण यह था कि साँप अपनी स्वभावगत विशेषता के कारण उड़ नहीं सकता था। वह ऐसे व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है, जो जीवन में कुएँ का मेंढ़क बने रहने में प्रसन्न रहते हैं। ऐसे लोग गुलाम मानसिकता के रूप में चित्रित किए गए हैं। बाज अपनी स्वभाव गत विशेषताओं के कारण जमीन पर कम ही आता है। परन्तु ऊँचाइयों तक उड़ना उसे अच्छा लगता है। बाज ऐसे लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, जो खुले विचारों के हैं। इन्हें गुलामी का लेषमात्र भी पंसद नहीं है। ये खतरों से नहीं घबराते हैं और इसके लिए इन्हें संघर्ष भी करना पड़े, तो पीछे नहीं हटते हैं। अतः इस आधार पर हम कह सकते हैं कि यह कहानी का शीर्षक और पात्र इनके बिना अधूरे हैं।

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