lekhika ne apne pitha ko kin guno ke bhagnavashesho ko thothe dekha tha?

उसके पिता में बहुत से गुण थे। उनके पिता दूसरों की मदद करते थे। लोगों से प्रेम करते थे। परन्तु जब उनके बुरे दिन आए, तो उन्हीं लोगों ने उन्हें धोखा दिया, जो उनके अपने थे। मदद करने वालों ने उनके बुरे समय में पल्ला झाड़ लिया। जिसने प्रेम करते थे, उन्होंने प्रेम के बदले उपेक्षा का व्यवहार किया। अब पिता में वह गुण विद्यमान थे परन्तु दिखावे के लिए। क्योंकि उनका इन सबसे मोहभंग हो चुका था। अतः लेखिका ने अपने पिता के परोपकारी और प्रेमी रूप नहीं देखा, बस उसके बारे में सुना था। 

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