Maa'm can u plz give me the bhav of aat nahi rahi hai & utash
plz respond soon before 12th because my hindi exam is on 13th sept
नमस्कार मित्र!
'उत्साह' कविता दो अर्थों को लिए हुए है। कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' के लिए बादल बहुत महत्वपूर्ण है। उसके अनुसार बादलों में जीवन का संचार सुचारू रूप से चलाने की शक्ति निहित होती है। वह बच्चों की कल्पना के समान प्रतीत होते हैं। उसके अनुसार बादल का कार्य बहुत महत्वपूर्ण होता है। वह प्यासे लोगों की प्यास बुझाता है। उसके अंदर क्रांति उत्पन्न करने की शक्ति भी विद्यमान होती है। कवि अपने नए कवि भाईयों को बादलों की संज्ञा देता है और उन्हें संबोधित करता है। उसके अनुसार उनको ऐसी कविताओं का निर्माण करना चाहिए, जो पुरानी कुरीतियों और सड़ी-गली परंपराओं को उखाड़ फेंके। उनकी कविताओं में क्रांति का भाव होना चाहिए, ऐसा करने से नव निर्माण होगा। वे सब इस संसार का स्वरूप बदल कर रख देगें। इसलिए वह इस कविता के माध्यम से दोनों को संबोधित करता है।
'अट नहीं रही है' कविता में कवि फागुन के सौंदर्य और मादकता को दर्शाता है। उसके अनुसार फागुन में प्रकृति की छठा निराली और अदभुत होती है। चारों ओर फागुन का बोलबाला होता है। इस ऋतु में प्रकृति अपने यौवन रूप में होती है। इसी कारण चारों ओर उल्लास छाया हुआ होता है। लोगों को यह उल्लास प्रभावित और आकर्षित करता है। जन-जन इस मादकता में स्वयं को मदमस्त किए हुए हैं।