maar khaate huye sukhiya ke pita ke mann mein kya-kya vichar aa rahe the?
मित्र !
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है :
मार खाते हुए सुखिया के पिता के मन में विचार आ रहा था कि मेरे हाथों से सारा प्रसाद जमीन पर बिखर गया है, अब प्रसाद मेरी बीमार बेटी तक कैसे पहुँचेगा । उसने भक्तों से कहा भी कि मुझे दंड दो, चाहे मुझे मार दो किन्तु माता का ये फूल मेरी बीमार बच्ची को जाकर दे दो । मुझे विश्वास है माँ के प्रसाद को ग्रहण करके मेरी बच्ची बिलकुल ठीक हो जाएगी ।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है :
मार खाते हुए सुखिया के पिता के मन में विचार आ रहा था कि मेरे हाथों से सारा प्रसाद जमीन पर बिखर गया है, अब प्रसाद मेरी बीमार बेटी तक कैसे पहुँचेगा । उसने भक्तों से कहा भी कि मुझे दंड दो, चाहे मुझे मार दो किन्तु माता का ये फूल मेरी बीमार बच्ची को जाकर दे दो । मुझे विश्वास है माँ के प्रसाद को ग्रहण करके मेरी बच्ची बिलकुल ठीक हो जाएगी ।