Maati waali sachmuch dalit shoshit aur lachar hai. Spasht kare.
मित्र माटीवाली दलित तथा शोषित नहीं अपितु लाचार महिला थी। यह पाठ विस्थापन की समस्या पर केन्द्रित है। विस्थापन की मार उस क्षेत्र के हर वर्ग ने झेली थी। माटीवाली एक गरीब महिला थी। वह खुद किसी और की ज़मीन पर रह रही थी। उसके पास उस जमीन के कागज़ नहीं थे अत: उसे दलित या शोषित नहीं कहा जा सकता। हाँ हम उसे लाचार कह सकते हैं।