madhur madhur mere deepak jal ka kavya saundraya kya..hai?

मधुर-मधुर मेरे दीपक जल में कवयित्री ने पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग कर काव्य का सौंदर्य बढ़ा दिया है। सिहर-सिहर, पुलक-पुलक, युग-युग में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग किया गया है। अनुप्रास अलंकार की छटा भी काव्य में दिखाई देती है। भाषा सरल एवं सुबोध है। इसमें तत्सम शब्दों की प्रचुरुता दिखती है।

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