mahadevi verma ka kavyagat visheshta bataya. Kavita madhur madhur mere deepak jal
मित्र हम आपको उत्तर लिखकर दे रहे हैं।
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल में कवयित्री ने पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग कर काव्य का सौंदर्य बढ़ा दिया है। सिहर-सिहर, पुलक-पुलक, युग-युग में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग किया गया है। अनुप्रास अलंकार की छटा भी काव्य में दिखाई देती है। भाषा सरल एवं सुबोध है। इसमें तत्सम शब्दों की प्रचुरुता दिखती है। बिंब योजना का विधान किया है। प्रतीकात्मकर शैली का प्रयोग किया गया है।
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल में कवयित्री ने पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग कर काव्य का सौंदर्य बढ़ा दिया है। सिहर-सिहर, पुलक-पुलक, युग-युग में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग किया गया है। अनुप्रास अलंकार की छटा भी काव्य में दिखाई देती है। भाषा सरल एवं सुबोध है। इसमें तत्सम शब्दों की प्रचुरुता दिखती है। बिंब योजना का विधान किया है। प्रतीकात्मकर शैली का प्रयोग किया गया है।