"manushay ki poshak kabhi-kabhi kai bandh darwaje khol deti hai" -'path dukh ka adhikar'tatha apne aas-paske logo ke anubhavo ke aadhar par apne vichar likhiye?
पोशाक मनुष्य को समाज में एक स्थान देती है . यह मनुष्य को विभिन्न श्रेणियों में बाँट देती है. अगर हम अच्छे चमकदार कपडे पहनते हैं तो समाज में हमारा स्थान ऊँचा रहेगा और फट्टे पुराने कपडों से हमारे स्थान गिर जाएगा. भले कपडे हमें कई अवसर खोल देते है तो कभी ऐसी भी स्थिति आ जाती है कि ये साधारण लोगों के बीच बैठने से रोकते है .