manushya jivan ki sarthakta kis par nirvar karti hai???

मित्र मनुष्य जीवन की सार्थकता इसी में है की वह दूसरों के काम आता रहे। जो मनुष्य धन होने पर भी दूसरों की सहायता नहीं करता उसका जीना व्यर्थ है। जो दूसरों के काम आता है, उसका जीवन सार्थक हो जाता है।

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