Mathrubhumi Ki Seva Mein Jeevan Arpan karna Pratik manushya ka Kartavya aahe is kathan par Apne vichar likho

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मातृभूमि की सेवा में अपना जीवन अर्पण करना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है। कितने ही  मातृभूमि पर शीश चढ़ाने वाले अनेक वीरों के बारे में हम जानते हैं। इनमें से कुछ हैं – शहीद भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, सुभाष चन्द्र बोस, चंद्रशेखर आजाद इत्यादि। कैप्टन अनुज नैय्यर ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी। कैप्टन विक्रम बत्रा ने भी कारगिल युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे करते हुए देश में लिए अपनी जान दे दी। मातृभूमि की  धूल का तिलक करके ही मातृभूमि पर शीश चढ़ाने के लिए देशभक्त तत्पर रहते हैं। सिर्फ सैनिक ही नहीं किसान रात और दिन अपनी मातृभूमि की सेवा करता रहता है तभी देश में अन्न पैदा होता है। हम सब अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से करें, तो हम भी देश के प्रति अपना समर्पण कर सकते हैं। हम सिविलियन समय से अपना टैक्स चुकाकर, उसकी चोरी न करके पूर्ण विवरण देकर, भ्रष्टाचार ना करके, मिलावट इत्यादि न करके भी अपनी देशभक्ति दिखा सकते हैं। देशभक्ति एक भाव है, जो दिल के अंदर से निकलती है। अपने कर्तव्य का अच्छी तरह से पालन करना ही मातृभूमि की सेवा करना है।

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