meera k pado ka kavya saundarya...............

मित्र मीरा के पदों का काव्य सौन्दर्य इस प्रकार है-

पद-1
​1. मीरा ने राजस्थानी तथा ब्रज दोनों भाषाओं का प्रयोग किया है।
​2. इस पद से मीरा की कृष्ण भक्ति उद्घाटित होती है।
​3. अनेक लोगों का उदाहरण देकर मीरा ने अपनी बात  को स्पष्ट किया है।
​4. काटी कुणजर पीर में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग किया गया है।
पद-2
​1. इस पद में राजस्थानी भाषा का प्रयोग किया गया है।
2. मीरा की कृष्ण भक्ति इस पद से प्रकट होती है।
​3. मोर मुगुट, मोहन मुरली में अनुप्रास अलंकार है।
4. ऊँचा-ऊँचा तथा बिच-बिच में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग किया गया।

 

  • 9
What are you looking for?