mere bachpan ke din paath ka saranshplese give answer in 2 hour

'मेरे बचपन के दिन' पाठ में लेखिका महादेवी वर्मा ने अपने बचपन के दिनों को उकेरा है। लेखिका ने कई घटनाओं के माध्यम से हमें उस समय से अवगत कराया है, जो हम नहीं देख पाए। उन्होंने अपने जन्म के पीछे जिस घटना का उल्लेख किया है, वह सच में शोचनीय है। उनके घर में कई पीढ़ियों से कन्याओं को जन्म लेने ही नहीं दिया जाता था। यदि वे ले भी लेती थीं, तो वे मार दी जाती थीं। लेखिका ने विद्यालय का वर्णन कर भारतीय बालाओं के सपने और उनके कार्यों की भी जानकारी दी है। यहाँ पर उन्होंने सुभद्रा कुमारी का भी परिचय दिया है। सुभद्रा कुमारी जानी-मानी कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान हैं। उस समय देश की हलचल का चित्रण भी इसमें देखने को मिलता है। जब गांधी जी द्वारा आंदोलन चलाए जा रहे थे। लेखिका ने इस संस्मरण को अपने उन दिनों की यादों के आधार पर लिखा है। उन्होंने अपने इस संस्मरण में उस समय की लड़कियों के प्रति लोगों का व्यवहार, उनकी दशा, छात्रावास के समय वहां का जीवन और आज़ादी की लड़ाई में जनता के योगदान का बड़ा सजीव चित्रण किया है।

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