meritnation experts i need the answer for the the1 st question of anuman aur kalpana in the lesson bagvan ke dakiya

चिट्टियाँ मानव जीवन में विशेष महत्व रखती हैं। अपने दूर रहने वाले सगे-संबंधियों से हालचाल जनाने का उत्तम साधन है। हज़ारों मील की दूरी चिट्टी के माध्यम से सिमट कर रह जाती है। पहले के समय में इन चिट्टियों को संदेशवाहक; जैसे- घुड़सवार या हरकारे द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जाता था। परन्तु यह बहुत कठिन कार्य था। अपने रिश्तेदारों की कुशलक्षेम महीनों-महीनों बाद मिलती थी। मनुष्य ने कबूतरों द्वारा पत्र-व्यवहार भी किया था। कबूतर के पैरों में छोटे-छोटे संदेश बांध दिए जाते। उससे पहले उन्हें इसका विशेष प्रशिक्षण दिया जाता था। इनका प्रयोग राजाओं द्वारा युद्ध में या राजाओं के गुप्तचर विशेष परिस्थितियों में ही करते थे। यातायात के साधनों में हुए बदलावों से नई क्रांति हुई। उसके बाद तो जैसे दुनिया ही बदल गई। चिट्टियाँ वाहनों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान में भेजी जाती, ये स्थान डाकघर कहलाते हैं। डाकियों का कार्य होता है, इन डाकघरों से चिट्टियाँ लेकर उनके सही गंतव्य स्थान पर पहुँचाना। यह कार्य बहुत जोखिम भरा होता है। कई ऐसे स्थान हैं, जहाँ पर सुगमता से नहीं पहुँचा जा सकता है। ऐसे में उन चिट्टियों को सही स्थान पर पहुँचना हिम्मत का कार्य है। अंतरदेशीय पत्र और पोस्टकार्ड में लिखकर डाकिय के माध्यम से पत्र सरलतापूर्वक अपनों को मिलने लगे। अब स्पीड पोस्ट, कुरियर आदि के द्वारा पत्र शीघ्रता से भेजे जाने लगे। विज्ञान के आविष्कार ने इसे और भी सरल बना दिया। विज्ञान ने कंप्यूटर और इंटरनेट का आविष्कार कर दुनिया को मानो सिमटकर रख दिया है। अब आप हज़ारों मील रहने वाले अपने सगे-संबंधियों से घर बैठे ही बातचीत कर सकते हैं या संदेश लिखकर दे सकते हैं। बस आपके पास कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए। इसके द्वारा आपको लगेगा ही नहीं कि आपके अपने आपके पास नहीं हैं। चिट्टियों की दुनिया हमेशा से निराली और प्यारी रही है। चिट्टी का चाहे रूप बदलता रहा हो परन्तु उसकी विशेषता और महत्व में कभी कमी नहीं आई है। पत्र चाहे पहले कागज़ पर लिखे जाते थे और आज कंप्यूटर पर लिखे जाते हैं लेकिन पढ़ने वाले को वह आज भी भावुक कर देते हैं।

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कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए?

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पक्षी और बादल भगवान के डाकिए इसलिए कहे गए हैं क्योंकि ये एक देश से होकर दूसरे देश में जाकर सद्भावना का संदेश देते हैं। भगवान का यहीं संदेश ये हम तक पहुँचाते हैं कि जिस तरह से एक पक्षी बादल दूसरे देश में जाकर भेदभाव नहीं करते (कि ये हमारा मित्र है यहाँ जाओ, ये हमारा शत्रु है यहाँ मत जाओं) हमें भी इनकी तरह आचरण करना चाहिए और मिल जुलकर रहना चाहिए। भगवान का यही सन्देश पक्षी और बादल हम तक पहुंचाते हैं इसलिए ये भगवान के डाकिये हैं।

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