mithr ko kusangathi se bachne ke liye pathr
नमस्कार मित्र,
3/25, शक्तिनगर,
नई दिल्ली-110007
दिनांक: ...........
प्रिय मित्र,
बहुत प्यार!
तुम्हारी माताजी से बात हुई, उनसे पता चला कि तुम इस बार परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए हो। यह सुनकर विश्वास नहीं हुआ। तुम्हारी मेधावी छात्रों में गिनती की जाती है। तुम्हारी माताजी ने बताया कि तुम आजकल सारा-सारा दिन व्यर्थ के लड़कों के साथ घूमने में नष्ट करते हो। इसके लिए तुम्हें विद्यालय की तरफ़ से भी चेतावनी दी जा चुकी है। उनके साथ सारा समय नष्ट करने के कारण ही तुम परीक्षा में भी अनुत्तीर्ण हुए हो।
तुम्हारे ये कुमित्र तुम्हें कहीं का नहीं छोड़ेंगे। बुरी संगति मनुष्य को ले डुबती है। विद्वानों ने सही कहा है, ''अच्छी संगति मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण होती है।'' एक अच्छा मित्र अपने मित्र का मार्गदर्शन करता है। तुम्हारे कदमों को बुरी राह में जाने से रोकता है। इसलिए हमें चाहिए कि अच्छे व सच्चे लोगों से मित्रता करें। तुम्हारे माता-पिता ने तुम्हें पढ़ने के लिए देहरादून के सबसे अच्छे विद्यालय में भेजा है ताकि तुम्हारा भविष्य संवर सके। परन्तु तुम्हारे इस व्यवहार से वे बहुत चिन्तित हैं। मुझे आशा है कि तुम कुसंगति से अपना मन हटाकर पढ़ाई में ध्यान लगाओ।
तुम्हारा शुभचिंतक,
राज