MITTI PAR KAVITA

मित्र हम आपको माटी पर आधारित एक दोहा भेज रहे हैं। इस पर आधारिक कविता आप नेट के माध्यम से ढूँढने का प्रयास कीजिए।

माटी कहे कुम्हार से तु क्या रौंदे मोय । 

एक दिन ऐसा आएगा मैं रौंदूगी तोय ॥

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