mluyavasta and utamavasatha ka udaharan kya hoga?
मूलावस्था :- मूलावस्था में केवल सामान्य विशेषता ही प्रकट होती है। इसमें विशेषण का तुलनात्मक रुप नहीं होता है; जैसे -
(1) आशा सीधी लड़की है।
(2) विमलेश अच्छा लड़का है।
(3) चंद्रमा शीतलता देता है।
उत्तमावस्था :- उत्तमावस्था के अंतर्गत दो से अधिक वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना करके किसी एक की सबसे ज़्यादा या सबसे कम आँका (बताया) जाता है; जैसे -
(1) सीता सबसे अधिक गुणी है।
(2) सुलोचना अत्यधिक रुपसी है।
(3) कविश नीच व्यक्ति है।