Mor ke bolne par kavi ko aisa kyo laga ki jaise kisi ne kaha ho sunte ho? Charcha kijiye

 मित्र!
हम आपके प्रश्न के उत्तर में अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
 
मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो -`सुनते हो`। मुझे लगता है कवि बहुत संवेदनशील होते हैं। वे सामने बैठे होते हैं पर अपनी सोच में ऐसे गुम होते हैं कि उनको किसी बात की खबर ही नहीं होती। अपनी सोच में बहते हुए कवि को जब दूर से मोर की आवाज़ सुनाई दी तो उनको लगा कि कोई कह रहा है -`सुनते हो`।

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