Muhavre sai kahani banao
मित्र हम एक छोटी सी कहानी आरंभ करके दे रहे हैं। इसे आप स्वयं पूरा कीजिए।
एक जंगल में बंदर और खरगोश रहते थे। दोनों भोजन की तलाश में निकले। दोनों ने एक आम का पेड़ देखा। खरगोश आम को देखकर नाक मुंह सिकोड़ने लगा। बंदर ने कहा, मैं पेड़ पर चढ़ता हूँँ। खरगोश ने कहा तुम चढ़ नहीं पाओगे। बंदर ने कहा कि तुम घर की मुर्गी दाल बराबर समझते हो। मैंं अभी पेड़ पर चढ़ जाता हूँ। इतने में सियार आया। सियार को देखकर बंदर बोला तुम तो ईद का चांद हो गए हो। लो आम खाओ। सियार ने कहा मैं नहीं खाऊंगा, मुझे आम से नफरत है, तो खरगोश बोला बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद.......
एक जंगल में बंदर और खरगोश रहते थे। दोनों भोजन की तलाश में निकले। दोनों ने एक आम का पेड़ देखा। खरगोश आम को देखकर नाक मुंह सिकोड़ने लगा। बंदर ने कहा, मैं पेड़ पर चढ़ता हूँँ। खरगोश ने कहा तुम चढ़ नहीं पाओगे। बंदर ने कहा कि तुम घर की मुर्गी दाल बराबर समझते हो। मैंं अभी पेड़ पर चढ़ जाता हूँ। इतने में सियार आया। सियार को देखकर बंदर बोला तुम तो ईद का चांद हो गए हो। लो आम खाओ। सियार ने कहा मैं नहीं खाऊंगा, मुझे आम से नफरत है, तो खरगोश बोला बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद.......