Munshi Premchand dwara rachit upanyas Godan ka adhyayan karana.

मित्र!
गोदान का अध्ययन तो आप उसे स्वयं पढ़कर ही कर सकते हैं। आपकी सहायता के लिए हम इसका सारांश दे रहे हैं। वह इस प्रकार है-

यह उपन्यास प्रेमचंद के सबसे श्रेष्ठ उपन्यासों में से एक है। गोदान किसानों के जीवन में आधारित उपन्यास है। इस उपन्यास में प्रेमचंद ने उस समय के किसानों की बदहवाली और कष्टमय जीवन का सजीव वर्णन किया है। इस उपन्यास का मुख्यपात्र होरी है। होरी साहूकारों से लिए कर्ज़ के कारण घोर गरीबी का जीवन व्यतीत करता है। सारा साल वह फसल बोता है परन्तु उसके हिस्से आता है, तो एक-दो मुट्ठी धान। प्रेमचंद ने इस उपन्यास में जो सजीव चित्रण किया है, वह विरले ही देखने को मिलता है। होरी कर्ज़ से दबा हुआ अंत में मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। उसकी पत्नी के पास उसके गोदान के लिए पैसे भी नहीं बचते। ये होरी जैसे किसानों के दर्द को दर्शाता उपन्यास है। इस उपन्यास में अनगिनत ऐसे पात्र हैं जो समाज में व्याप्त किसी न किसी कमज़ोरी और समस्या को दर्शाता हुए दिख जाते हैं। आपको इस उपन्यास को अवश्य पड़ना चाहिए। सारांश के माध्यम से इस उपन्यास की श्रेष्ठता को समझा नहीं जा सकता है। बस उसके अंदर व्याप्त विषय वस्तु को समझा जा सकता है। 

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