nadan dost what is the meaning of this chapter

Hi Dipanshu,
नादान दोस्त पाठ से कवि यह शिक्षा देना चाहता है कि यदि समझदार व्यक्ति आपका मित्र है तो सब ठीक रहता है लेकिन यदि आपका दोस्त नासमझ हे तो उसका किया कार्य आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है; जैसे- इस पाठ में हुआ। केशव और श्यामा चिड़िया के अण्डों की भलाई ही चाहते थे। उन्होंने उनकी रक्षा के लिए क्या-क्या नहीं किया लेकिन उन्होंने जो किया, वह उन अण्डों की बरबादी का कारण बना। उनको इस बात की जानकारी ही नहीं थी की चिड़िया किसी अन्य के द्वारा छु लेने से अण्डों को सेती नहीं है ब्लकि उन्हें फोड़ देती है। साथ में इस बात का ध्यान रखो की अपने दोस्त के लिए कुछ भी करो पूरा सोच-समझकर करो व सबकी सलाह लेकर करो।  
 
आशा करती हूँ कि आपको, आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढ़ेरो शुभकामनाएँ!

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