Navaras example related to mythology story
मित्र !
आपका उत्तर इस प्रकार है-
रस, लेखन या काव्य की आत्मा होती है। रस निचोड़ होता है, इसका स्वाद इस लोक का नहीं होकर अलौकिक होता है। रस नौ प्रकार के होते हैं। वात्सल्य रस तथा भक्ति रस को दसवाँ एवं ग्यारहवाँ रस माना जाता है। काव्य के अनुसार रस का उपयोग होता है। पौराणिक कथा के अनुसार श्रीकृष्ण के बालपन को दर्शाने वाले काव्य में वात्सल्य रस का उपयोग किया गया है। श्रीकृष्ण जब बड़े होते हैं तो काव्य में भक्ति रस और शृंगार रस का अवलोकन किया जा सकता है। युद्ध के समय वीर और रौद्र रस को देखा जा सकता है।
आपका उत्तर इस प्रकार है-
रस, लेखन या काव्य की आत्मा होती है। रस निचोड़ होता है, इसका स्वाद इस लोक का नहीं होकर अलौकिक होता है। रस नौ प्रकार के होते हैं। वात्सल्य रस तथा भक्ति रस को दसवाँ एवं ग्यारहवाँ रस माना जाता है। काव्य के अनुसार रस का उपयोग होता है। पौराणिक कथा के अनुसार श्रीकृष्ण के बालपन को दर्शाने वाले काव्य में वात्सल्य रस का उपयोग किया गया है। श्रीकृष्ण जब बड़े होते हैं तो काव्य में भक्ति रस और शृंगार रस का अवलोकन किया जा सकता है। युद्ध के समय वीर और रौद्र रस को देखा जा सकता है।